बरगंडा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में मंगलवार को शिशुओं का सुवर्ण प्राशन संस्कार हुआ संपन्न

बरगंडा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में मंगलवार को शिशुओं का सुवर्ण प्राशन संस्कार संपन्न हुआ।मौके पर प्रबंधकारिणी समिति के उपाध्यक्ष डॉ सतीश्वर प्रसाद सिन्हा एवं प्रधानाचार्य आनंद कमल ने शिशुओं को सुवर्ण प्राशन का प्रथम खुराक पिलाया।शिशु वाटिका प्रभारी कल्पना कुमारी के नेतृत्व में सर्वप्रथम बच्चों का अग्निहोत्र कार्यक्रम हुआ जिसमें छोटे-छोटे भैया-बहनों ने हवन की आहुति अर्पित किया। आचार्य सतीश मिश्रा ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ इस कार्य को संपन्न कराया।
प्रधानाचार्य आनंद कमल ने बताया कि विद्या भारती योजनानुसार संपूर्ण भारत के शिशु मंदिरों में12 वर्ष तक के बच्चों का सुवर्ण प्राशन संस्कार होता है।यह आयुर्वेदिक दवा शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।इसके सेवन से बच्चों का शारीरिक और बौद्धिक विकास बेहतर होता है।
मंगलवार विद्यालय परिसर में 97 बच्चों का सुवर्णप्राशन का प्रथम खुराक दिया गया।यह एक वर्ष में 13 बार बच्चों को दिया जाता है।मौके पर उपाध्यक्ष ने कहा की सुवर्ण प्राशन की दो बूंदें सामान्य एवं जटिल तथा संक्रामक रोगों को होने से रोकने में कारगर है।इसमें विटामिन,मिनरल्स के अलावे आंशिक रूप से स्वर्ण धातु मौजूद रहता है।कार्यक्रम को सफल बनाने में शिशु वाटिका के समस्त दीदी उपस्थित थी।