सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में मातृ सम्मेलन का हुआ आयोजन

इस अवसर पर बहनों ने मां मेरी मां,ओ मेरी मां,लुका छुप्पी,ऐसा क्या है मां पर भाव नृत्य प्रस्तुत कर उपस्थित माताओं को भाव विभोर कर दी। प्रोजेक्टर के माध्यम से उपस्थित माता को मोटिवेशनल वीडियो और विद्यालय की उपलब्धि से अवगत कराया गया वहीं कल सजा आरती थाल सजा प्रतियोगिता के साथ-साथ लजीज व्यंजनों का स्टॉल बहनों द्वारा लगाया गया मौके पर डॉक्टर पुष्पा सिंह ने कहा कि माताओं को प्रारंभकाल से ही अपने बच्चों की देखभाल के साथ-साथ संस्कारक्षम वातावरण देना चाहिए।नारी में मातृत्व का भाव होना चाहिए।अच्छे संस्कार ही बच्चों की दिशा तय करते हैं।
प्रो विनिता कुमारी ने कहा कि बच्चे राष्ट्र की धरोहर हैं।बच्चों को संस्कारी सिर्फ मातृशक्ति ही बना सकती है।विद्या भारती के विद्यालयों में संस्कार पक्ष मजबूत होता है।आवश्यकता है उसे और प्रेरित करने का।
जिप अध्यक्ष मुनिया देवी ने कहा कि भैया बहनों के सर्वांगीण विकास के लिए माता की भूमिका अहम होती है।शिक्षा के साथ-साथ संस्कार का होना आवश्यक है।
आरती वर्मा ने कहा कि प्रारंभकाल से ही बच्चों में अच्छी आदत डालने की प्रवृत्ति विकसित करें।सरस्वती शिशु विद्या मंदिर संस्कारपूर्ण वातावरण में शिक्षा देने का काम करती जो अन्यत्र कहीं नहीं मिलता।
अर्जुन मिष्टकार ने लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। सम्मेलन को सफल बनाने में समस्त आचार्य दीदी का सराहनीय भूमिका रही।