न्यू गिरिडीह रेलवे स्टेशन को ‘डस्ट प्वाइंट’ बनाना गलत। कई गांवों की हजारों आबादी का जीवन दूभर
गिरिडीह : न्यू गिरिडीह को ‘डस्ट प्वाइंट’ बनाना गलत। कई गांवों की हजारों आबादी का जीवन दूभर – राजेश यादव।*
कोल, डस्ट, स्पंज का रैक हटाने के लिए चरणबद्ध आंदोलन की तैयारी।
*अनाज के साथ-साथ न्यू गिरिडीह स्टेशन को स्पंज, कोल और डस्ट का भी रैक प्वाइंट बना देने से यह सीधा ‘डस्ट प्वाइंट’ में तब्दील होकर आसपास के कई गांवों की हजारों की आबादी के लिए मुसीबत का सबब बन चुका है। इसलिए जनहित में तत्काल न्यू गिरिडीह स्टेशन से डस्ट से संबंधित रैक प्वाइंट को अन्यत्र शिफ्ट किया जाय।
उक्त बातें पूर्व जिप सदस्य सह फॉरवर्ड ब्लॉक नेता राजेश यादव ने आज इस संबंध में स्थानीय लोगों को हो रही भारी परेशानी के मद्देनजर सूचना मिलने पर, स्थल निरीक्षण कर लोगों के साथ एक शुरुआती बैठक के उपरांत कही। कहा कि, न्यू गिरिडीह के ‘डस्ट प्वाइंट’ में तब्दील होने से जमुनियाटांड़, गादी, बलीडीह, सुइयाटांड़ के सीधे प्रभावित होने के साथ-साथ आसपास के कई अन्य गांव और रैक प्वाइंट से हाइवा से की जाने वाली मनमानी ढुलाई के रास्ते में पड़ने वाले गांव-मुहल्ले भी प्रदूषण की जद में आ चुके हैं।
राजेश यादव को लोगों ने आसपास के इलाके तथा घरों, छतों, पेड़ पौधों पर डस्ट की परत दिखाया और कहा कि, उनके लिए शुद्ध हवा में सांस लेना अतीत की बात हो गई है। कहा कि, उन्हें अनाज के रैक प्वाइंट से कोई परेशानी नहीं, सिर्फ भयंकर डस्ट उड़ाने वाले मैटेरियल की अनलोडिंग और लोडिंग से परेशानी हो रही है। धीरे-धीरे हमारा जीना मुश्किल होता जा रहा है।
वहीं फ़ाब्ला नेता ने लोगों की बातों का पूरा समर्थन करते हुए सवाल उठाया कि, एक ही जगह अनाज और डस्ट का रैक प्वाइंट कैसे हो सकता है। इसके दुष्परिणाम की जिम्मेवारी आखिर किनकी है.? चंद लोगों के फायदे और सहूलियत के नाम पर हजारों लोगों की जिंदगी में जहर घोलने का अधिकार किसी को नहीं है। इस मामले पर उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक के बैनर तले शीघ्र ही चरणबद्ध आंदोलन शुरू करने घोषणा करते हुए लोगों से एकजुट होने का आह्वान भी किया।मौके पर मुख्य रूप से मो. हनीफ, गजाधर स्वर्णकार, मनोहर स्वर्णकार, मो. कुर्बान, मो. नूर, मो. युनुस, मो. अशरफ, तालो स्वर्णकार सहित अन्य मौजूद थे।