अलकापुरी चौक पर अपने स्थानीय कार्यालय में डॉ समीर राज चौधरी ने की प्रेसवार्ता

अलकापुरी चौक पर अपने स्थानीय कार्यालय में डॉ समीर राज चौधरी पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष (स्वास्थ्य विभाग)झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रेस वार्ता कर यह जानकारी साझा किया कि बिहार कांग्रेस कमिटी ने महान स्वतंत्रता सेनानी बाबू जगलाल चौधरी के वंशजों का उपहास किया।बाबू जगलाल चौधरी के जयंती मौके पर उनके वंशजों को कार्यक्रम से दूर रखा गया ।जिससे कांग्रेस नेता समीर राज चौधरी ने इसकी कड़ी निंदा की।

ऐसे वीर थे जिन्होंने महात्मा गांधी जी के साथ मिलकर स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी करने और बिहार में एक स्वतंत्रता को लेकर लोगों को प्रेरित करने के वजह से अंग्रेजों ने जेल में बंद कर दिया थाI जिन्होंने आजादी के लड़ाई के हर लम्हे को जिया था और कांग्रेस के साथ मिलकर आजादी की लड़ाई लड़कर देश को आजाद करवाया थाI उनके बड़े बेटे इंद्रदेव चौधरी जब स्वतंत्रता संग्राम के समय में छपरा के डाकघर में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को लहराने का जज्बा लेकर जब आगे बढ़े थे तब अंग्रेजों के द्वारा उनको गोली मार दी गई थी। लेकिन फिर भी उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज को डाकघर के ऊपर लहरा दिया थाI जब यह खबर बाबू जगलाल चौधरी को मिली कि उनके बेटे को अंग्रेजों के द्वारा गोली मार दी गई है और जब अंग्रेजों के द्वारा बाबू जगलाल चौधरी को उनके बेटे के शव के अंतिम दर्शन के लिए लेकर आया गया था तब बाबू जगलाल चौधरी की आंखों से एक आंसू भी नहीं गिरे और उन्होंने कहा भारत माता के लिए मेरे एक बेटे क्या 100 बेटे भी होते तो कुर्बान कर देता। यह बोलकर वह वहां से चले गए थेI
ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी और बिहार के गांधी बाबू जगलाल चौधरी के आदर्शों को आने वाले जेनरेशन तक पहुंचाने के लिए जगलाल चौधरी स्मृति संस्थान का गठन किया गया था जिसको कि उनके बड़े बेटे डॉक्टर धर्मदेव चौधरी जी के द्वारा वर्ष 1999 मैं पंजीकृत किया था जिसके सचिव कई वर्षों तक वह रहे I बाद में चुनावी प्रकरण के द्वारा दूसरे लोगों को अवसर दिया गया इस संस्थान को चलाने के लिएI
अखिल भारतीय पासी समाज पासी समाज का एक संगठन है जो पूरे भारत के पासी समाज को समाज को एक सूत में बांधने का काम करता है और हमेशा से अखिल भारतीय पासी समाज और श्री जगलाल चौधरी स्मृति संस्थान के साथ मिलकर सामाजिक न्याय और सामाजिक कार्य करता था लेकिन आज श्री जगलाल चौधरी स्मृति संस्थान के संचालक, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचि व बाबू जगलाल चौधरी के आदर्शों से भटक कर और पासी समाज के हितों को दर किनार करते हुए कार्य कर रहे हैं और सिर्फ अपनी राजनीतिक पटकथा को लिखने में लगे हुए हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण कल जो कार्यक्रम पटना के कृष्ण मेमोरियल हॉल में हुआ उसमें परिलक्षित भली भांति था I एक भी परिवार के सदस्य को जिनके वह पूर्वज है उनको उनके ही जयंती से वंचित रखा गया I
बाबू जगलाल चौधरी के जयंती समारोह में परिवार के सदस्यों को दरकिनार करने का सबसे मुख्य वजह यह था ताकि वह राजनीतिक लाभ ले सके और उनके नाम परअपनी राजनीतिक पटकथाऔर सामाजिक शोषणकर सकेI
आज अखिल भारतीय पासी समाजपर भी सवाल उठना लाजिमी है की किस परिस्थिति में परिवार के सदस्यों को दरकिनार किया गया और बाहर के लोगों को परिवार से ऊपर मानते हुए बाबू जगलाल चौधरी जी के जयंती में सर माथे बिठाया गयाI सवाल इसलिए भी उठाना लाजमी है कि अगर परिवार के किसी भी सदस्य को वहां पर सम्मानित किया जाता तो शायद उनकी अहमियत थोड़ी कम पड़ जातीI मेरे छोटे दादा जी श्री भूदेव चौधरी जी उसे कार्यक्रम में खुद से गए थे क्योंकि यह कार्यक्रम उनके पिताजी के लिए समर्पित था वहां वह लोगों से रहते रह गए कि मैं बाबू जगलाल चौधरी का छोटा बेटा हूं लेकिन किसी ने उनकी शुद्ध नहीं लीI मंच पर जगह देना तो बहुत दूर की बात थी उनको कुर्सी तक नहीं दिया गया यह कितनी शर्मनाक बात बिहार कांग्रेस कमेटी के लिए और बाबू जगलाल चौधरी स्मृति संस्थान के पदाधिकारी के लिए है I
यह तो वही बात हो गई की श्रीमती इंदिरा गांधी जी के स्मृति में कोई सभा या आयोजन हो रहा हो और राहुल गांधी जी और प्रियंका गांधी जी को उसमें आमंत्रित ना किया गया होI आज राहुल गांधी जी को भी यह जानकारी देना जरूरी है कि वह जिस कार्यक्रम में आज शिरकत करने गए थे उस कार्यक्रम के जो परिवार के लोग हैं और जो बाबू जगलाल चौधरी जी के वंशज हैं जिन्होंने बाबू जगलाल चौधरी जी के क्रांतिकारी लम्हों को जिया है, जिन्होंने उनके साथ संघर्ष किया है वह वहां उपस्थित नहीं थे I उनको दरकिनार किया गया और बिना परिवार के सदस्यों के यह कार्यक्रम किया गया सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए, दलित और शोषित वर्ग को दीर्घ भ्रमित करने के लिएऔर उनका शोषण करने के लिए क्योंकि अगर कोई भी परिवार का सदस्य वहां पर उपस्थित होता तो वह वहां पर उनके आदर्शों की बात करता उनके संघर्षों की बात करताI
बिहार कांग्रेस कमेटी पर भी सवाल उठना लाजमी है कि क्यों नहीं बिहार कांग्रेस कमेटी ने यह प्रयास किया कि परिवार के सदस्यों को भी सम्मान दिया जाए और सम्मानित किया जाएI बिहार कांग्रेस कमेटी के द्वारा दलित समाज में गलत मैसेज दिया गया हैI

मैं भी कांग्रेस से जुड़ा हुआ हूं कांग्रेस प्रदेश का पदाधिकारी रह चुका हूं और पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ कांग्रेस के साथ हर कदम से कदम मिलाकर चल रहा हूं और मुझे पूरा यकीन है कि हमारे माननीय नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी को अंधेरे में रखकर यह कार्यक्रम का आयोजन किया गया है और उनसे यह बात छुपाई गई है कि परिवार के सदस्य पटना में ही मौजूद हैं I किसी भी सदस्य को आमंत्रित करने का और सम्मानित करने का बिहार कांग्रेस कमेटी और बाबू जगलाल चौधरी स्मृति संस्थान के पदाधिकारी की मनशाही नहीं थी क्योंकि शायद उनको ऐसा लगा होगा कि परिवार के सदस्य अगर इस कार्यक्रम में आ जाएंगे तो उनकी अहमियत कम हो जाएगीI
जब मामला कुछ सोशल मीडिया के द्वारा मेरे छोटे दादा जी श्री भूदेव चौधरी जी को उनके ही पिता बाबू जगलाल चौधरी जी के कार्यक्रम में तिरस्कार की बात सामने लाई गई तब आनंन फानन में बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष बाबू जलाल स्मृति संस्थान के अध्यक्ष एवं अन्य दो-चार मीडिया के लोगों के साथ मेरे बड़े दादा जी डॉक्टर धर्मदेव चौधरी के आवास पर रात के 9:00 बजे जाते हैं जो की 99 वर्ष के हैं और उनको सम्मानित करने का प्रयास करते हैं I ऐसे सम्मान का क्या फायदा जो एक तिरस्कार के बाद मिले I
मैं माननीय नेता प्रतिपक्ष श्री राहुल गांधी जी से अनुरोध करूंगा कि वह इस विषय का संज्ञान लें और बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी से यह सवाल पूछे कि आखिर किस मानसा से उन्होंने ऐसा किया I
बाबू जगलाल चौधरी पूरे समाज के लिए और महिलाओं के उत्थान के लिए अगर बिहार में किसी ने लड़ाई लड़ी है तो वह बाबू जगलाल चौधरी ही थेI बाबू जगलाल चौधरी समानता और सामाजिक न्याय के लिए हमेशा तत्पर रहे और इसी वजह से यह पहले मंत्री थे जिन्होंने बिहार में शराब बंदी लागू की थीI सभी जाति धर्म से ऊपर उठकर सामाजिक समानता के लिए हमेशा संघर्षशील रहे इसलिए इन्हें बिहार के गांधी की उपाधि भी दी गई है I बाबू जगलाल चौधरी जी की वीरता और संघर्ष को सम्मानित करने के लिए केंद्र सरकार ने उनके सम्मान में वर्ष 2000 में डाक टिकट को भी भारत के लोगों के लिए समर्पित किया था I